बिल्ली नाटक देख रही थी
चूहे आए सौ
बिल्ली बोली, मिला न चूहा
बीत गए बरसों
बिल्ली कुछ आगे को आई
चूहे टूट पड़े
घाव हुए चेहरे पर उसके
काफी बड़े-बड़े
नाटक देखे बिना वहाँ से
भाग गई बिल्ली
सौ चूहे थे, सबने उसकी
जी भर ली खिल्ली।
बिल्ली नाटक देख रही थी
चूहे आए सौ
बिल्ली बोली, मिला न चूहा
बीत गए बरसों
बिल्ली कुछ आगे को आई
चूहे टूट पड़े
घाव हुए चेहरे पर उसके
काफी बड़े-बड़े
नाटक देखे बिना वहाँ से
भाग गई बिल्ली
सौ चूहे थे, सबने उसकी
जी भर ली खिल्ली।
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