दिवाली रोज मनाएँ

दिवाली रोज मनाएँ
फूलझड़ी ये फूल बिखेरे
चकरी चक्कर खाए
अनार उछला आसमान तक
रस्सी-बम धमकाए
साँप की गोली हो गई लम्बी
रेल धागे पर दौड़ लगाए
आग लगाओ रॉकेट को तो
वो दुनिया नाप आए
टिकड़ी के संग छोटे-मोटे
बम बच्चों को भाए
ऐसा लगता है दिवाली
हम तुम रोज मनाएँ

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